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मिशन पत्रकारिता

   पत्रकारिता.... एक ऐसा शब्द है, जिसको सूनते ही मन में साहस और सच्चाई भर जाती है. पत्रकारिता एक ऐसा कार्य हैं,  जिसको करते ही मन में देशभक्ती और ताकत भर जाती हैं. इसी पत्रकारिता के साथ  एक और शब्द “मिशन”को भी जोड दिया जाये...तो इस पत्रकारिता को इस उद्देश्य भी मिल जाता हैं. और ये एक क्रांती वन कर उभर आती हैं. हमारी संस्था “मिशन पत्रकारिता” इसी बात का जीता जागता उदाहरण हैं. सन २००२ में इन्ही दो शव्दों को जोडने की कोशिश की थी श्री. शैलेश जायसवाल जी ने.

     शुरुवात से ही पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान देते हुए उन्होंने एक मिशन की शुरुवात की और परोपकारी संस्था का गठन किया और उसे नाम दिया मिशन पत्रकारिता. शुरुवाती दिनों में काफी कठिनाइयों और अडचणों को सामना करते-करते श्री. शैलेश जायसवाल जी का ये सफर सिर्फ ७ मित्रों के साथ शुरु हुआ था. लेकीन आज इस सफर में पुरे भारत से ही नही बल्की नेपाल और बांग्लादेश समेत कुल २ लाख से ज्यादा कार्यकर्ता जुड चुके हें. मिशन पत्रकारिता २ नवंबर २०१५ को अधिकारीक रुप से एक एन. जी. ओ. बन कर उभरी.

इसके अगणित कार्यों एवं उपलब्धीयों में से कुछ इस प्रकार हें.

१) मिशन पत्रकारिता का देश भर में मेडिटेशन सेंटर्स की स्थापना करना और लोगों के जीवन में मेडिटेशन के ज़रिये बदलाव लाना.

२) बेरोजगार और जरुरतमंदो की मदद करना. उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना. आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रेसर होते हुए लोगों को सफल व्यवसायी बनने की जानकारी एवं ट्रेनिंग देना.

३) दिव्यांग जनों की हर संभव मदद करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाना.

४) लोगों को हर क्षेत्र में कानूनी सलाह देना एवं अन्याय से पीडित लोगों को न्याय दिलवाना.

५) बिजनेस वर्ल्ड एवं तथास्तु जैसे सुविधा केंद्रों एवं वेबसाईट्स के ज़रिये ऑनलाईन एवं ऑफलाईन प्लॅटफॉर्म्स बनाना एवं लोगों को सरकार से जुडी हर योजनाओं एवं दस्तऐवजों को आसानी से उपलब्ध करवाना.

६) कॉर्पोरेट और कल्चरल इव्हेंट के ज़रिये लोगों में जागरुकता लाना.

७) शॉर्ट फिल्म्स एवं वेब सीरीज निर्माण के ज़रिये लोगों में जागरुकता लाना.

८) अमरावती में आश्रम की स्थापना करके कई कार्य करना.

९) निशुल्क अनाथ एवं वृद्धाश्रम, गौशाला, पशुपालन एवं किसान प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करना.

१०) देश में सकारात्मक पत्रकारिता के साथ - साथ शिक्षा प्रसार करना एवं स्कील इंडिया के तहेत सभी को रोजगार प्रदान करना.

इसी तरह के महत्वाकांक्षी कार्यों को करते रहने को जज्बा लिये, निस्वार्थ भाव से निरंतर अग्रेसर हें हमारी संस्था मिशन पत्रकारिता.....।

सकारात्मक पत्रकारों का एक क्रांतिकारी संगठन

मिशन पत्रकारिता

पत्रकारिता.... एक ऐसा शब्द है, जिसको सूनते ही मन में साहस और सच्चाई भर जाती है. पत्रकारिता....

एक ऐसा कार्य हैं, जिसको करते ही मन में देशभक्ती और ताकत भर जाती हैं. इसी पत्रकारिता के साथ

एक और शब्द .... “मिशन”को भी जोड दिया जाये...तो इस पत्रकारिता को इस उद्देश्य भी मिल जाता हैं...

और ये एक क्रांती वन कर उभर आती हैं....

हमारी संस्था “मिशन पत्रकारिता” इसी बात का जीता जागता उदाहरण हैं. सन २००२ में इन्ही दो शव्दों को जोडने की कोशिश की थी श्री. शैलेश जायसवाल जी ने.

शुरुवात से ही पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान देते हुए उन्होंने एक मिशन की शुरुवात की और परोपकारी संस्था का गठन किया और उसे नाम दिया मिशन पत्रकारिता.

शुरुवाती दिनों में काफी कठिनाइयों और अडचणों को सामना करते-करते श्री. शैलेश जायसवाल जी का ये सफर सिर्फ ७ मित्रों के साथ शुरु हुआ था. लेकीन आज इस सफर में पुरे भारत से ही नही बल्की नेपाल और बांग्लादेश समेत कुल २ लाख से ज्यादा कार्यकर्ता जुड चुके हें...

मिशन पत्रकारिता २ नवंबर २०१५ को अधिकारीक रुप से एक एन. जी. ओ. बन कर उभरी. इसके अगणित कार्यों एवं उपलब्धीयों में से कुछ इस प्रकार हें.

१) मिशन पत्रकारिता का देश भर में मेडिटेशन सेंटर्स की स्थापना करना और लोगों के जीवन में मेडिटेशन के ज़रिये बदलाव लाना.

२) बेरोजगार और जरुरतमंदो की मदद करना. उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना. आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रेसर होते हुए लोगों को सफल व्यवसायी बनने की जानकारी एवं ट्रेनिंग देना.

३) दिव्यांग जनों की हर संभव मदद करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाना.

४) लोगों को हर क्षेत्र में कानूनी सलाह देना एवं अन्याय से पीडित लोगों को न्याय दिलवाना.

५) बिजनेस वर्ल्ड एवं तथास्तु जैसे सुविधा केंद्रों एवं वेबसाईट्स के ज़रिये ऑनलाईन एवं ऑफलाईन प्लॅटफॉर्म्स बनाना एवं लोगों को सरकार से जुडी हर योजनाओं एवं दस्तऐवजों को आसानी से उपलब्ध करवाना.

६) कॉर्पोरेट और कल्चरल इव्हेंट के ज़रिये लोगों में जागरुकता लाना.

७) शॉर्ट फिल्म्स एवं वेब सीरीज निर्माण के ज़रिये लोगों में जागरुकता लाना.

८) अमरावती में आश्रम की स्थापना करके कई कार्य करना.

९) निशुल्क अनाथ एवं वृद्धाश्रम, गौशाला, पशुपालन एवं किसान प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करना.

१०) देश में सकारात्मक पत्रकारिता के साथ - साथ शिक्षा प्रसार करना एवं स्कील इंडिया के तहेत सभी को रोजगार प्रदान करना.

इसी तरह के महत्वाकांक्षी कार्यों को करते रहने को जज्बा लिये, निस्वार्थ भाव से निरंतर अग्रेसर हें हमारी संस्था मिशन पत्रकारिता.....।

सकारात्मक पत्रकारों का एक क्रांतिकारी संगठन

मिशन पत्रकारिता

पत्रकारिता.... एक ऐसा शब्द है, जिसको सूनते ही मन में साहस और सच्चाई भर जाती है. पत्रकारिता....

एक ऐसा कार्य हैं, जिसको करते ही मन में देशभक्ती और ताकत भर जाती हैं. इसी पत्रकारिता के साथ

एक और शब्द .... “मिशन”को भी जोड दिया जाये...तो इस पत्रकारिता को इस उद्देश्य भी मिल जाता हैं...

और ये एक क्रांती वन कर उभर आती हैं....

हमारी संस्था “मिशन पत्रकारिता” इसी बात का जीता जागता उदाहरण हैं. सन २००२ में इन्ही दो शव्दों को जोडने की कोशिश की थी श्री. शैलेश जायसवाल जी ने.

शुरुवात से ही पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान देते हुए उन्होंने एक मिशन की शुरुवात की और परोपकारी संस्था का गठन किया और उसे नाम दिया मिशन पत्रकारिता.

शुरुवाती दिनों में काफी कठिनाइयों और अडचणों को सामना करते-करते श्री. शैलेश जायसवाल जी का ये सफर सिर्फ ७ मित्रों के साथ शुरु हुआ था. लेकीन आज इस सफर में पुरे भारत से ही नही बल्की नेपाल और बांग्लादेश समेत कुल २ लाख से ज्यादा कार्यकर्ता जुड चुके हें...

मिशन पत्रकारिता २ नवंबर २०१५ को अधिकारीक रुप से एक एन. जी. ओ. बन कर उभरी. इसके अगणित कार्यों एवं उपलब्धीयों में से कुछ इस प्रकार हें.

१) मिशन पत्रकारिता का देश भर में मेडिटेशन सेंटर्स की स्थापना करना और लोगों के जीवन में मेडिटेशन के ज़रिये बदलाव लाना.

२) बेरोजगार और जरुरतमंदो की मदद करना. उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना. आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रेसर होते हुए लोगों को सफल व्यवसायी बनने की जानकारी एवं ट्रेनिंग देना.

३) दिव्यांग जनों की हर संभव मदद करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाना.

४) लोगों को हर क्षेत्र में कानूनी सलाह देना एवं अन्याय से पीडित लोगों को न्याय दिलवाना.

५) बिजनेस वर्ल्ड एवं तथास्तु जैसे सुविधा केंद्रों एवं वेबसाईट्स के ज़रिये ऑनलाईन एवं ऑफलाईन प्लॅटफॉर्म्स बनाना एवं लोगों को सरकार से जुडी हर योजनाओं एवं दस्तऐवजों को आसानी से उपलब्ध करवाना.

६) कॉर्पोरेट और कल्चरल इव्हेंट के ज़रिये लोगों में जागरुकता लाना.

७) शॉर्ट फिल्म्स एवं वेब सीरीज निर्माण के ज़रिये लोगों में जागरुकता लाना.

८) अमरावती में आश्रम की स्थापना करके कई कार्य करना.

९) निशुल्क अनाथ एवं वृद्धाश्रम, गौशाला, पशुपालन एवं किसान प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करना.

१०) देश में सकारात्मक पत्रकारिता के साथ - साथ शिक्षा प्रसार करना एवं स्कील इंडिया के तहेत सभी को रोजगार प्रदान करना.

इसी तरह के महत्वाकांक्षी कार्यों को करते रहने को जज्बा लिये, निस्वार्थ भाव से निरंतर अग्रेसर हें हमारी संस्था मिशन पत्रकारिता.....।

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